खट्टर सरकार के 3034 दिनों में 15 एस.डी.एम. रहे तैनात, सिर्फ़ 3 कर सके 1 वर्ष पूरा
- आठ वर्षों से उपमंडल का कार्य तंत्र धीमी चाल में
- डबवाली व ओढां में बी.डी.पी.ओ के पद भी खाली
इकबाल सिंह शांत
डबवाली: उपमंडल डबवाली में उपमंडल अधिकारी ना. (एस.डी.एम.) की तैनाती के मामले में हरियाणा सरकार का हाथ हमेशा तंगदिली वाला रहा है। सूबा सरकार द्वारा बीते कल जारी आई.ए.एस और एच.सी.एस अधिकारियों की तबादला सूची में डबवाली के हिस्से में कोई एस.डी.एम. नहीं आया। अन्तर्राज्यीय त्रिवेणी पर स्थित उपमंडल में एस.डी.एम. का पद दो जनवरी 2023 को एस.डी.एम. शंभू राठी के तबादले के उपरांत खाली पड़ा है। सिरसा के सी.टी.एम अजय कुमार जांगड़ा को दिया अतिरिक्त प्रभार प्रभार भी गत 7 फरवरी 2023 को समाप्त हो चुका है। अब डबवाली उपमंडल पूरी तरह प्रशासनिक छत्रछाया से महरूम है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अब तक 3034 दिनों के कार्यकाल में एस.डी.एम. डबवाली का पद लगातार तबादलों का शिकार रहा है। उपमंडल को मनोहर लाल सरकार में 15 एस.डी.एम. मिले हैं। जिनमें से पाँच एस.डी.एम. 100 दिन से भी कम तक तैनात रहे सके। जिनमें संजय कुमार (महज़ 69 दिन), अश्वनी कुमार (महज़ 43 दिन), सतीश कुमार ( महज़ 24 दिन), निर्मल नागर (महज़ 21 दिन) और शंभू राठी ( महज़ 97 दिन) शामिल हैं। यहाँ सिर्फ़ तीन आधिकारी संगीता तेतरवाल आई.ए.एस. (473 दिन), अश्वनी कुमार (371 दिन) और राजेश पूनिया (407 दिन) बतौर एस.डी.एम. एक वर्ष का कार्यक्रम पूरा करने में सफल रहे। जबकि एच.सी.एस. अधिकारी सुरेश कस्वां (298 दिन), रानी नागर (232 दिन) व विनेश कुमार (332 दिन) डबवाली उपमंडल में सेवाएं निभा सके। पिछले सवा आठ वर्षों में एस.डी.एम. की कम समय की तैनाती व जल्दी तबादलों के चलते क्षेत्र के विकास को सही दिशा नहीं मिल सकी। डबवाली के साथ प्रशासनिक अनदेखी का मामला सिर्फ यहाँ तक सीमित नहीं हैं, उपमंडल के अधीन पड़ते डबवाली व ओढां ब्लाकों में भी ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी के पद भी खाली पड़ें हैं। इन पदों पर भी अतिरिक्त प्रभार से वक्त निकाला जा रहा है। एस.डी.एम. कार्यालय में विशेषकर व्हीकल रजिस्ट्रेशन व सिविल सर्विसेज स्तर के अधिकारियों द्वारा निपटाए जाने वाले उपमंडल स्तरीय मामले लटके रहते हैं। हर बार तैनात उपमंडल अधिकारी (ना.) अपने जल्दी तबादले का ख़ौफ़ दर्शा कर ज़मीन से जुड़े सार्वजनिक मुद्दों पर कार्यवाही से कन्नी कतरा जाते हैं। पहले भाजपा सरकार और अब भाजपा-जजपा सरकार में भी डबवाली के लिए प्रशासनिक तैनाती पक्ष में कोई सुधार नहीं आया। उपमंडल अधिकारी (ना.) की बार-बार की तबादलेबाज़ी के कारण तहसील और दूसरे दफ्तरों में भ्रष्टाचार चरम सीमा और प्रशासनिक ख़ौफ़ 'ज़ीरो' (0) तक पहुँच गया है। उपमुख्य मंत्री दुश्यंत चौटाला के पारिवारिक गढ़ डबवाली को प्रशासनिक 'चौधर’ से आधा-अधूरा रखना कोई राजनैतिक इशारों की ओर अनगित करता है।
दूसरी तरफ़ डबवाली के कांग्रेसी विधायक अमित सिहाग ने कहा कि उन्होंने डबवाली में उपमंडल अधिकारी (ना.) की तैनाती के बारे में जनवरी माह में मुख्यमंत्री हरियाणा को पत्र लिखा था। अब तक तैनाती न होने पर मुद्दा विधानसभा सैशन में उठाया जायेगा।
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