21 December 2024

उस मिटटी में होंगे लीन, यहाँ से उठे कदम जन-आवाज बन कर जीवन भर गूंजते रहे

 -अंतिम संस्कार हेतु खेतों में बनाया जा रहा तीन फुट ऊँचा चबूतरा

-उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित विभिन राजनेता शामिल


इकबाल सिंह शांत

डबवाली: दशकों तक हरियाणवी राजनीति में क्षितिज के तारे की भांति चमकते रहे पूर्व मुख्य मंत्री ओम प्रकाश चौटाला का अंतिम संस्कार तेजाखेडा फार्म हाउस में उन खेतों में होगा, यहाँ की मिटटी से उठे उनके कदम प्रदेश के लाखों-करोड़ों लोगों की आवाज बन कर देश की सामाजिक व सियासी फिजा में गूंजते रहे। आज 21 दिसंबर को बाद दोपहर उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जायेगा। जिसके मद्देनजर परिवार के खेतो में बोई हुई गेंहू फसल पर हल चला कर भूमि को समतल किया जा रहा है। 


खेत में स्वर्गीय चौटाला के अंतिम संस्कार के लिए 50 फुट गुना 60 फुट का एक तीन फुट ऊँचा चबूतरा बनाया गया है। माना जा रहा की अंतिम संस्कार स्थल को बाद में यादगारी स्मारक/स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा। अंतिम संस्कार कार्यक्रम की तैयारियों के लिए डबवाली के विधायक आदित्य देवी लाल व चौटाला परिवार के सदस्य व वरिष्ठ इनेलो नेता संदीप चौधरी व अन्य पार्टी कार्यकर्ता जुटे हुएं हैं। गाँव चौटाला में उनके पार्थिव शरीर को दर्शनों हेतु रखे जाने के मद्देनजर वहां भी सुरक्षा व अन्य प्रबंध किये जा रहे हैं। 



सरकारी सम्मान के अंतर्गत अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन द्वारा चौटाला परिवार व इनेलो नेतृत्व के सहयोग से जरूरी कार्य युद्ध स्तर पर सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसके लिए पुलिस व विभिन्न सिविल विभागों की सरकारी स्तर पर ड्यूटीयां लगाई हैं।


सूत्रों के मुताबिक इस गमगीन अवसर पर किसानों के नेता का रुतबा रखते ‘बड़े’ चौटाला को अंतिम विदायगी व श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल विशेष तौर पहुंचेगे, वहीं देश के विभिन्न राज्यों से राजनेता व समाज के विभिन्न वर्गों से बड़ी हस्तियाँ चौटाला परिवार के सम्मानीय बुजुर्ग नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचेंगे


वरिष्ठ इनेलो नेता संदीप चौधरी ने बताया कि गमगीन अवसर पर अपने महबूब नेता के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है, जिसके मद्देनजर परिवार के खेतो में हल चला कर पार्किंग व्हिक्लों के लिए स्थान बनाया जा रहा है।

बादल - चौटाला: राजनीति पर भारी थी मित्रता, जजपा की बजाय इनेलो से किया था गठ्बन्धन


 इकबाल सिंह शांत
डबवाली:
 
दशकों से चौटाला व बादल खानदान की आपसी पारिवारिक साँझ जगजाहिर है। हरियाणा के पूर्व मुख्य मंत्री ओम प्रकाश चौटाला का पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से गहरा याराना था। दोनों एक-दुसरे के साथ अडिग चट्टान की भांति डटते थे। वे अक्सर गांव बादल में बड़े बादल से मुलाकात करने जाया करते थे। गत वर्ष प्रकाश सिंह बादल के देहांत से ओम प्रकाश चौटाला काफी आहत हुए थे। 

उनकी मित्रता की सबसे बड़ी मिसाल तब देखने को मिली जब इनेलो व जजपा के बिखराव के बाद पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके पुत्र व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने सियासी हितों को दरकिनार कर दिया था व अपने पारिवारिक रिश्तों की नैतिकता के चलते सियासी मंझधार में घिरे ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो से गठ्बन्धन को प्रमुखता दी थी। 


जजपा से गठ्बन्धन के सियासी दबाब के बावजूद शिरोमणि अकाली दल ने 2 अक्टूबर 2019 को देर रात्रि चंडीगढ़ में हुई पार्टी बैठक में इनेलो-अकाली दल के गठ्बन्धन का निर्णय में लिया गया था। जबकि उस समय सभी को जजपा का प्रत्यक्ष तौर पर पलड़ा भारी दिखाई दे रहा था। राजनीतिक परिदृश्य में राजनीति पर रिश्ते भारी पड़ने की ऐसी मिसाल शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। 

जीते जी न कोई ‘चौटाला’ को डिगा सका, न कभी चौटाला किसी के समक्ष दबे

 -  बचपन में सरकारी स्कूल डबवाली के छात्र रहे थे, 

- डबवाली में आढत का करोबार भी कारोबार किया




 इकबाल सिंह शांत/93178-26100

डबवाली: 89 साल की उम्र में स्वर्गवास हुए चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के आभा मंडल ने हरियाणा की राजनीति को करीब छ: दशकों तक प्रभावित् किया। हालांकि उन्होंने दसवीं व बाहरवीं कक्षा को जीवन ने अंतिम वर्षों में उत्तीर्ण किया। वे बचपन में डबवाली के सरकारी स्कूल के छात्र भी रहे। उन्होंने गजब की भाषण शैली, वाकपुटता से आम व खास जनमानस पर गहरी छाप छोडी। उनकी राजनीती किसानों, कमरे वर्ग के हकों व हितों को समर्पित रही बहुत कम लोग जानते होंगे कि ओपी चौटाला ने राजनीति में प्रवेश से पूर्व युवा अवस्था के दौरान डबवाली की पुरानी अनाज  मंडी में लाला हंसराज के साथ सांझेदारी में आढत का कारोबार किया था। जो कि वर्षों तक बाखूबी सफलता से चला। उन दिनों में उनकी रिहायश भी डबवाली में उसी दुकान के चौबारे में हुआ करती थी थी।


जीवन अडिगता के लहजे से रहा लबोलब 

राजनीति के शिखर से लेकर मुश्किल समय तक में चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का जीवन अडिगता के लहजे से लबोलब रहा। मानसिक व मनोबल के तौर पर जीते जी न कोई ‘बड़े’ चौटाला की डिगा सका, न कभी चौटाला किसी के समक्ष दबे। दस वर्ष की कानूनी सजा के बावजूद जनता में उनका निजी प्रभाव कायम रहा। ओम प्रकाश चौटाला का संघर्ष के बड़ा नजदीक से नाता रहा। पांच बार मुख्य मंत्री रहने के दौरान सियासी मुश्किलें ज्यादातर उनकी राह में अडचने डालती रहीं, परन्तु हर बार जननायक चौधरी देवी लाल के इस ज्येष्ठ सुपुत्र ने पूरी दृढ़ता व सूझबूझ से हर मुश्किल को सफलता से पार किया।


चौटाला के गहरे मित्रों में शुमार डा. गिरधारी लाल गर्ग बताते हैं

पूर्व मुख्य मंत्री के गहरे मित्रों में शुमार होते डबवाली वासी डा. गिरधारी लाल गर्ग बताते हैं कि चौटाला साहिब को हमेशा बात के धनी, बेहतरीन मित्र, उनकी दृढ़ निश्चयी व लौह-पुरुष के तौर पर जाना जायेगा। डा. गर्ग बताते हैं कि वह चौटाला परिवार में बड़ी अंदरूनी जद्दोजहद के बाद चौधरी देवी लाल के राजनैतिक वारिस बन सके थे। चौटाला पुत्रों में सियासी बिखराव के बाद चौटाला ने इनेलो को राजनीतिक तौर पर पुन: खड़ा करने के लिए भी भरपूर प्रयास किये।

 

तेज थी याददाश्त, लोगों को नाम व चेहरे से याद रखते थे

तेज याददाश्त के चलते चौटाला साहिब का उनका लोगों से सीधा संपर्क बना रहा। उनके नजदीकि जानकारों के मुताबिक पूर्व मुख्य मंत्री को उनके संपर्क में आये हजारों लोगों के नाम व चेहरे तक याद रहते थे। लंबे समय बाद भी पुन: मिलने पर वे लोगों को उनके तक से पुकारा करते थे। शरीर को तंदरुस्त रखने वाला हल्का खान-पान व सादा जीवन-शैली ने उन्हें जीवन के अंतिम दिनों तक तंदरुस्त रखा।