21 December 2024

उस मिटटी में होंगे लीन, यहाँ से उठे कदम जन-आवाज बन कर जीवन भर गूंजते रहे

 -अंतिम संस्कार हेतु खेतों में बनाया जा रहा तीन फुट ऊँचा चबूतरा

-उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित विभिन राजनेता शामिल


इकबाल सिंह शांत

डबवाली: दशकों तक हरियाणवी राजनीति में क्षितिज के तारे की भांति चमकते रहे पूर्व मुख्य मंत्री ओम प्रकाश चौटाला का अंतिम संस्कार तेजाखेडा फार्म हाउस में उन खेतों में होगा, यहाँ की मिटटी से उठे उनके कदम प्रदेश के लाखों-करोड़ों लोगों की आवाज बन कर देश की सामाजिक व सियासी फिजा में गूंजते रहे। आज 21 दिसंबर को बाद दोपहर उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जायेगा। जिसके मद्देनजर परिवार के खेतो में बोई हुई गेंहू फसल पर हल चला कर भूमि को समतल किया जा रहा है। 


खेत में स्वर्गीय चौटाला के अंतिम संस्कार के लिए 50 फुट गुना 60 फुट का एक तीन फुट ऊँचा चबूतरा बनाया गया है। माना जा रहा की अंतिम संस्कार स्थल को बाद में यादगारी स्मारक/स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा। अंतिम संस्कार कार्यक्रम की तैयारियों के लिए डबवाली के विधायक आदित्य देवी लाल व चौटाला परिवार के सदस्य व वरिष्ठ इनेलो नेता संदीप चौधरी व अन्य पार्टी कार्यकर्ता जुटे हुएं हैं। गाँव चौटाला में उनके पार्थिव शरीर को दर्शनों हेतु रखे जाने के मद्देनजर वहां भी सुरक्षा व अन्य प्रबंध किये जा रहे हैं। 



सरकारी सम्मान के अंतर्गत अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन द्वारा चौटाला परिवार व इनेलो नेतृत्व के सहयोग से जरूरी कार्य युद्ध स्तर पर सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसके लिए पुलिस व विभिन्न सिविल विभागों की सरकारी स्तर पर ड्यूटीयां लगाई हैं।


सूत्रों के मुताबिक इस गमगीन अवसर पर किसानों के नेता का रुतबा रखते ‘बड़े’ चौटाला को अंतिम विदायगी व श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल विशेष तौर पहुंचेगे, वहीं देश के विभिन्न राज्यों से राजनेता व समाज के विभिन्न वर्गों से बड़ी हस्तियाँ चौटाला परिवार के सम्मानीय बुजुर्ग नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचेंगे


वरिष्ठ इनेलो नेता संदीप चौधरी ने बताया कि गमगीन अवसर पर अपने महबूब नेता के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है, जिसके मद्देनजर परिवार के खेतो में हल चला कर पार्किंग व्हिक्लों के लिए स्थान बनाया जा रहा है।

बादल - चौटाला: राजनीति पर भारी थी मित्रता, जजपा की बजाय इनेलो से किया था गठ्बन्धन


 इकबाल सिंह शांत
डबवाली:
 
दशकों से चौटाला व बादल खानदान की आपसी पारिवारिक साँझ जगजाहिर है। हरियाणा के पूर्व मुख्य मंत्री ओम प्रकाश चौटाला का पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से गहरा याराना था। दोनों एक-दुसरे के साथ अडिग चट्टान की भांति डटते थे। वे अक्सर गांव बादल में बड़े बादल से मुलाकात करने जाया करते थे। गत वर्ष प्रकाश सिंह बादल के देहांत से ओम प्रकाश चौटाला काफी आहत हुए थे। 

उनकी मित्रता की सबसे बड़ी मिसाल तब देखने को मिली जब इनेलो व जजपा के बिखराव के बाद पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके पुत्र व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने सियासी हितों को दरकिनार कर दिया था व अपने पारिवारिक रिश्तों की नैतिकता के चलते सियासी मंझधार में घिरे ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो से गठ्बन्धन को प्रमुखता दी थी। 


जजपा से गठ्बन्धन के सियासी दबाब के बावजूद शिरोमणि अकाली दल ने 2 अक्टूबर 2019 को देर रात्रि चंडीगढ़ में हुई पार्टी बैठक में इनेलो-अकाली दल के गठ्बन्धन का निर्णय में लिया गया था। जबकि उस समय सभी को जजपा का प्रत्यक्ष तौर पर पलड़ा भारी दिखाई दे रहा था। राजनीतिक परिदृश्य में राजनीति पर रिश्ते भारी पड़ने की ऐसी मिसाल शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। 

जीते जी न कोई ‘चौटाला’ को डिगा सका, न कभी चौटाला किसी के समक्ष दबे

 -  बचपन में सरकारी स्कूल डबवाली के छात्र रहे थे, 

- डबवाली में आढत का करोबार भी कारोबार किया




 इकबाल सिंह शांत/93178-26100

डबवाली: 89 साल की उम्र में स्वर्गवास हुए चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के आभा मंडल ने हरियाणा की राजनीति को करीब छ: दशकों तक प्रभावित् किया। हालांकि उन्होंने दसवीं व बाहरवीं कक्षा को जीवन ने अंतिम वर्षों में उत्तीर्ण किया। वे बचपन में डबवाली के सरकारी स्कूल के छात्र भी रहे। उन्होंने गजब की भाषण शैली, वाकपुटता से आम व खास जनमानस पर गहरी छाप छोडी। उनकी राजनीती किसानों, कमरे वर्ग के हकों व हितों को समर्पित रही बहुत कम लोग जानते होंगे कि ओपी चौटाला ने राजनीति में प्रवेश से पूर्व युवा अवस्था के दौरान डबवाली की पुरानी अनाज  मंडी में लाला हंसराज के साथ सांझेदारी में आढत का कारोबार किया था। जो कि वर्षों तक बाखूबी सफलता से चला। उन दिनों में उनकी रिहायश भी डबवाली में उसी दुकान के चौबारे में हुआ करती थी थी।


जीवन अडिगता के लहजे से रहा लबोलब 

राजनीति के शिखर से लेकर मुश्किल समय तक में चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का जीवन अडिगता के लहजे से लबोलब रहा। मानसिक व मनोबल के तौर पर जीते जी न कोई ‘बड़े’ चौटाला की डिगा सका, न कभी चौटाला किसी के समक्ष दबे। दस वर्ष की कानूनी सजा के बावजूद जनता में उनका निजी प्रभाव कायम रहा। ओम प्रकाश चौटाला का संघर्ष के बड़ा नजदीक से नाता रहा। पांच बार मुख्य मंत्री रहने के दौरान सियासी मुश्किलें ज्यादातर उनकी राह में अडचने डालती रहीं, परन्तु हर बार जननायक चौधरी देवी लाल के इस ज्येष्ठ सुपुत्र ने पूरी दृढ़ता व सूझबूझ से हर मुश्किल को सफलता से पार किया।


चौटाला के गहरे मित्रों में शुमार डा. गिरधारी लाल गर्ग बताते हैं

पूर्व मुख्य मंत्री के गहरे मित्रों में शुमार होते डबवाली वासी डा. गिरधारी लाल गर्ग बताते हैं कि चौटाला साहिब को हमेशा बात के धनी, बेहतरीन मित्र, उनकी दृढ़ निश्चयी व लौह-पुरुष के तौर पर जाना जायेगा। डा. गर्ग बताते हैं कि वह चौटाला परिवार में बड़ी अंदरूनी जद्दोजहद के बाद चौधरी देवी लाल के राजनैतिक वारिस बन सके थे। चौटाला पुत्रों में सियासी बिखराव के बाद चौटाला ने इनेलो को राजनीतिक तौर पर पुन: खड़ा करने के लिए भी भरपूर प्रयास किये।

 

तेज थी याददाश्त, लोगों को नाम व चेहरे से याद रखते थे

तेज याददाश्त के चलते चौटाला साहिब का उनका लोगों से सीधा संपर्क बना रहा। उनके नजदीकि जानकारों के मुताबिक पूर्व मुख्य मंत्री को उनके संपर्क में आये हजारों लोगों के नाम व चेहरे तक याद रहते थे। लंबे समय बाद भी पुन: मिलने पर वे लोगों को उनके तक से पुकारा करते थे। शरीर को तंदरुस्त रखने वाला हल्का खान-पान व सादा जीवन-शैली ने उन्हें जीवन के अंतिम दिनों तक तंदरुस्त रखा।

09 March 2024

पुलिस जिला डबवाली: 52 एस.पी.ओ. होंगे अस्थाई तौर पर भर्ती, प्रतिमाह मानदेय 20 हजार रूपये


डबवाली/बुलंद सोच ब्यूरो 
जिला पुलिस डबवाली द्वारा 52 एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) के पदों पर अस्थाई व मानदेय के आधार पर चयन किया जाएगा। जिन्हें 20

,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय  एकमुश्त वर्दी भत्ता 3000 रुपए दिया जायेगा। भर्ती हेतू न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 पास है। भर्ती प्रक्रिया में 25 से 50 वर्ष उम्र के अभ्यार्थी भाग ले सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रक्रिया में भारतीय सेना से सेवानिवृत सैनिक (एक्स सर्विसमैन)सीएपीएफ से सेवानिवृत कर्मीएच.आईएसएफ व एच.ए.पी. 2004 में सेवा मुक्त किये गये जवानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि चयनित एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) एक वर्ष की अवधि के लिए या नियमित आधार पर व्यक्तियों की नियुक्ति की तिथि तकजो भी पहले होतक नियोजित किया जाएगा।

प्रवक्ता के मुताबिक उक्त श्रेणीयों में उक्त पद पर कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति दिनांक 11 मार्च से 12 मार्च 2024 तक प्रात: 9 से सायं 5 बजे कार्यालयप्रबंधक पुलिस लाईन डबवाली (नजदीक थाना सदर डबवाली) में वर्तमान 2 फोटोमूल दस्तावेज व दो-दो सत्यापित प्रतियों सहित पहुंचें।

 

अन्य सेवा शर्ते:

1. भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले सदस्य साथ में सर्विस/डिस्चार्ज बुक की मूल प्रति के साथ छाया प्रतिआयु प्रमाण-पत्र, 4 फोटो पासपोर्ट साईजचरित्र प्रमाण पत्रपहचान पत्रएस.सी, एस.टी. व बी.सी. प्रमाण पत्र इत्यादि दस्तावेज अवश्य साथ लेकर आएं।

2. एसपीओ को हरियाणा पुलिस के कांस्टेबलों के लिए लागू आकस्मिक अवकाश दिया जाएगा।

3. एसपीओ को कम अवधि के लिए आपात स्थितियों के दौरान हरियाणा राज्य में कहीं भी तैनात किया जा सकता है।

4. स्वयंसेवी एसपीओ अनुशासनहीनताकदाचार व कर्तव्य के असंतोषजनक प्रदर्शन या गैर-आवश्यकता के आधार पर एक वर्ष की अवधि से पहले किसी भी समय संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा बिना कोई नोटिस जारी किए एक आदेश द्वारा हटाए जाने के लिए उत्तरदायी होंगे। बर्खास्तगी के इस आदेश के खिलाफ किसी भी वरिष्ठ या किसी न्यायालय के समक्ष कोई अपील नहीं होगी।

10 February 2024

ਮਹਿਰਾਜਪੁਰ ਮਾਈਨਰ: ਸਾਇਜ਼ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਸਮੱਰਥਾ ਘਟਾਈ, ਅਖੇ ਰਕਬਾ ਘਟ ਗਿਆ, ਬੰਜਰ ਹੋਵੇਗਾ 20 ਹਜ਼ਾਰ ਏਕੜ ਰਕਬਾ

* ਡੇਢ ਫੁੱਟ ਡੁੱਘਾਈ, ਦੋ ਫੁੱਟ ਚੌੜਾਈ ਘਟਾਈ, ਸਮੱਰਥਾ 63.5 ਤੋਂ 60.83 ਕਿਊਸਿਕ ਕੀਤੀ

* ਕਿਸਾਨਾਂ ਦਾ ਦੋਸ਼: ਦਸ ਪਿੰਡਾਂ ਦਾ ਕਰੀਬ ਵੀਹ ਹਜ਼ਾਰ ਏਕੜ ਰਕਬਾ ਹੋਵੇਗਾ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ


ਇਕਬਾਲ ਸਿੰਘ ਸ਼ਾਂਤ (93178-26100)

ਲੰਬੀ: ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਟੇਲਾਂ ’ਤੇ ਨਹਿਰੀ ਪਾਣੀ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦੇ ਸਿਆਸੀ ਦਮਗਜਿਆਂ ਦੇ ਉਲਟ ਲੰਬੀ ਹਲਕੇ ਵਿੱਚ ਮਹਿਰਾਜਪੁਰ ਮਾਈਨਰ ਦਾ ਸਾਇਜ਼ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਸਮੱਰਥਾ ਘਟਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਜਿਸਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਤ ਹੁੰਦੇ ਕਈ ਪਿੰਡਾਂ ਦੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੇ ਸੰਘਰਸ਼ ਵਿੱਢਦੇ ਸ਼ੁਕਰਵਾਰ ਨੂੰ ਮਾਈਨਰ ਦੀ ਮੁੜ ਉਸਾਰੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਰੁਕਵਾ ਦਿੱਤਾ। ਕਿਸਾਨ ਮਾਈਨਰ ਦਾ ਪੁਰਾਣਾ ਸਾਈਜ਼ ਤੇ ਸਮੱਰਥਾ ਬਹਾਲ ਕਰਨ ਦੀ ਮੰਗ ਤਹਿਤ ਧਰਨਾ ਲਗਾ ਕੇ ਬੈਠ ਗਏ ਹਨ। 

ਜਾਣਕਾਰੀ ਮੁਤਾਬਕ ਮਾਈਨਰ ਦੀ ਮੁੜ ਉਸਾਰੀ ਤਹਿਤ ਕਰੀਬ ਫੁੱਟ ਤੋਂ ਡੇਢ ਫੁੱਟ ਬੈੱਡ (ਡੁੱਘਾਈ), ਲਗਭਗ ਦੋ ਤੋਂ ਤਿੰਨ ਫੁੱਟ ਚੌੜਾਈ ਘਟਾ ਕੇ ਬਣਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਪਹਿਲਾਂ ਮਾਈਨਰ ਦੀ ਸਮੱਰਥਾ 63.5 ਕਿਊਸਿਕ ਸੀ, ਹੁਣ ਇਸਦੀ 60.83 ਕਿਊਸਿਕ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। 

ਵਿਭਾਗੀ ਪੱਖ ਹੈ ਕਿ ਮਾਈਨਰ ਵਿੱਚੋਂ ਕਰੀਬ 11 ਸੌ ਏਕੜ ਖੇਤੀ ਰਕਬਾ ਦੂਜੇ ਮਾਈਨਰਾਂ ’ਤੇ ਸ਼ਿਫ਼ਟ ਹੋ ਗਿਆ। ਕਰੀਬ 15 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਲੰਬੇ ਮਾਈਨਰ ਨੂੰ ਕਰੀਬ 8 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਨਾਲ ਨਵੇਂ ਸਿਰਿਓਂ ਸੀਮਿੰਟਡ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਮਾਈਨਰ ’ਤੇ ਪਿੰਡ ਫਤਿਹਪੁਰ ਮਣੀਆਂ, ਸਹਿਣਾਖੇੜਾ, ਫਤੂਹੀਖੇੜਾ, ਸ਼ੇਰਾਂਵਾਲਾ, ਅਰਨੀਵਾਲਾ, ਫੁੱਲੂਖੇੜਾ, ਖੇਮਾਖੇੜਾ, ਆਧਨੀਆਂ, ਸਿੱਖਵਾਲਾ ਅਤੇ ਖੁੱਬਣ ਦੀ ਕਿਰਸਾਨੀ ਨਿਰਭਰ ਹੈ। 47 ਬੁਰਜੀਆਂ ਵਾਲੇ ਮਾਈਨਰ ਦੇ ਸਮੱਰਥਾ ਤੇ ਸਾਈਜ਼ ਘਟਣ ਨਾਲ 20 ਹਜ਼ਾਰ ਏਕੜ ਸਿੰਚਾਈ ਰਕਬਾ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋਵੇਗਾ। ਕਿਸਾਨਾਂ ਮੁਤਾਬਕ ਇੱਥੇ ਟੇਲ ਸਮੇਤ ਕੁੱਲ 27 ਮੋਘੇ ਹਨ।

ਫਤਿਹਪੁਰ ਮਨੀਆਂ ਦੇ ਕਿਸਾਨ ਰਵਿੰਦਰਪਾਲ ਸਿੰਘ, ਗੁਰਮੀਤ ਸਿੰਘ, ਗੁਰਮੁੱਖ ਸਿੰਘ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ, ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਭੁਪਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਨਹਿਰ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਰਕਬਾ ਘਟਣ ਦੇ ਤਕਨੀਕੀ ਪੱਖਾਂ ਨੂੰ ਝੂਠਾ ਦੱਸਦੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਾਈਨਰ ਤੋਂ ਸਿਰਫ਼ ਲਗਭਗ ਤਿੰਨ ਸੌ ਏਕੜ ਰਕਬਾ ਘਟਿਆ ਹੈ, ਕਿਸੇ ਅਬੁੱਝ ਸਿਆਸੀ ਹਿੱਤਾਂ ਖਾਤਰ 11 ਸੌ ਏਕੜ ਰਕਬਾ ਘਟਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਪਾਣੀ ਘਟਣ ਨਾਲ ਕਈ ਪਿੰਡਾਂ ਦੀ ਖੇਤੀ ਬੰਜਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ। 

ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੇ ਡੁੰਘਾਈ, ਚੌੜਾਈ ਤੇ ਉਚਾਈ ਘਟਾਉਣ ਨੂੰ ਮੌਜੂਦਾ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਤੀਹਰੀ ਮਾਰ ਦੱਸਦੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਬਕਾ ਅਕਾਲੀ ਸਰਕਾਰ ਸਮੇਂ ਮਾਈਨਰਾਂ ਦੀ ਉਚਾਈ ਵਧਾ ਕੇ 20 ਫ਼ੀਸਦੀ ਪਾਣੀ ਵਧਾਇਆ ਸੀ। ਉਸਦੇ ਉਲਟ ਆਪ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਮਾਈਨਰਾਂ ਵਿੱਚ ਓਵਰ ਫਲੋਅ ਘਟਾ ਦੇ ਦਸ ਫ਼ੀਸਦੀ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਜਿਸ ਨਾਲ ਮਾਈਨਰ ਟੁੱਟਣ ਦੇ ਮੌਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੋਵੇਗਾ। ਮਾਈਨਰ ਦਾ ਪੱਧਰ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਕਾਫ਼ੀ ਉੱਚਾ ਹੈ। 

ਕਿਸਾਨ ਰਵਿੰਦਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਾਈਨਰ ਨੂੰ ਹੇਠਿਓਂ ਕਰੀਬ ਦੋ ਫੁੱਟ ਤੱਕ ਉੱਚਾ ਅਤੇ ਉੱਪਰੋਂ ਉਚਾਈ ਘਟਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੇ ਖਦਸ਼ਾ ਜਾਹਰ ਕੀਤਾ ਕਿ ਮਾਈਨਰ ਨੂੰ ਛੋਟਾ ਕਰਨ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਸਰਕਾਰੀ ਸਾਜਿਸ਼ ਤਹਿਤ ਮੋਘਿਆਂ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ ਘਟਾਏ ਜਾਣਗੇ। ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੇ ਚਿਤਾਵਨੀ ਦਿੰਦੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮੰਗ ਪੂਰੀ ਨਾ ਹੋਣ ਤੱਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸੰਘਰਸ਼ ਜਾਰੀ ਰਹੇਗਾ, ਸੁਣਵਾਈ ਨਾ ਹੋਣ ’ਤੇ ਸੰਘਰਸ਼ ਨੂੰ ਤਿੱਖਾ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ।

ਸਰਕਾਰੀ ਨੀਤੀ ਤਹਿਤ ਮਾਈਨਰ ਛੋਟਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ: ਐਸ.ਡੀ.ਓ.
ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਨਹਿਰ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਐਸ.ਡੀ.ਓ. ਗੁਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ ਕਰੀਬ 11 ਸੌ ਏਕੜ ਰਕਬਾ ਪਾਣੀ ਘਟਣ ਕਰਕੇ ਮਾਈਨਰ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਨੀਤੀ ਮੁਤਾਬਕ ਛੋਟਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਸਮੱਰਥਾ ਘਟਣ ’ਤੇ ਮਾਈਨਰ ਟੁੱਟਣ ਬਾਰੇ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉੱਪਰ ਕਰੀਬ ਡੇਢ ਫੁੱਟ ਫ਼੍ਰੀ ਬੋਰਡ ਜਗ੍ਹਾ ਖਾਲੀ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਬਾਕੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਮੰਗ ਸਰਕਾਰ ਪੱਧਰ ਦਾ ਮਾਮਲਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਮੰਗ ਬਾਰੇ ਉੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਜਾਣੂ ਕਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ।  

   

14 January 2024

ਮਾਘੀ ਮੇਲਾ: ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਨਾਟ-ਉਤਸਵ ਨੇ ਦਿੱਤਾ, ਵਿਰਸੇ ਦੀ ਲੋਅ ਜਗਦੀ ਰੱਖਣ ਦਾ ਹੋਕਾ

               


 * ਡਾ. ਸਵਰਾਜਬੀਰ ਨੂੰ ਭਰੇ ਪੰਡਾਲ ਵੱਲੋਂ ਸਲਾਮ!

* ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨੀ ਬਣੀ ਖਿੱਚ ਦਾ ਕੇਂਦਰ

*  ਜਮਹੂਰੀ ਹੱਕਾਂ ਲਈ ਦਿੱਤਾ ਚਾਨਣ ਦਾ ਛੱਟਾ 

* ਪੰਜਾਬੀ ਪੱਤਰਕਾਰਤਾ ਦੀ ਮਟਕ ਭਰੀ ਤੋਰ ਲਈ

* ਕੇਵਲ ਧਾਲੀਵਾਲ ਅਤੇ ਇਕੱਤਰ 15,16 ਜਨਵਰੀ


ਬੁਲੰਦ ਸੋਚ ਬਿਊਰੋ

ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ: ਮੁਕਤਸਰ ਮਾਘੀ ਮੇਲੇ 'ਤੇ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਸੁਸਾਇਟੀ ਪੰਜਾਬ, ਮੁਕਤਸਰ-ਫਾਜ਼ਿਲਕਾ ਜੋਨ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜਾਬ ਲੋਕ ਸਭਿਆਚਾਰਕ (ਪਲਸ ਮੰਚ) ਅਤੇ ਲੋਕ- ਪੱਖੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਦੇ ਸਹਿਯੋਗ ਨਾਲ ਨਾਟਕਕਾਰ ਗੁਰਸ਼ਰਨ ਭਾਅ ਜੀ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਦਿਆਂ 25ਵੇਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਤਿੰਨ ਰੋਜ਼ਾ ਨਾਟ ਉਤਸਵ ਦਾ 40 ਮੁਕਤਿਆਂ, ਮਾਈ ਭਾਗੋ, ਦੁੱਲਾ ਭੱਟੀ ਨੂੰ ਸਿਜਦਾ ਕਰਦਿਆਂ ਹੋਇਆ ਆਗਾਜ਼ ।

ਤਿੰਨ ਰੋਜ਼ਾ ਨਾਟ- ਉਤਸਵ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਦਿਨ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਸੁਸਾਇਟੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤਰਫੋਂ ਸਮਾਜਕ ਸਰੋਕਾਰਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਚਿੰਤਨਸ਼ੀਲ ਹੋਣ ਅਤੇ ਪੁਸਤਕ ਸਭਿਆਚਾਰ ਨਾਲ ਜੁੜਨ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਸੁਸਾਇਟੀ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦੇ ਰਾਮ ਸਵਰਨ ਲੱਖੇਵਾਲੀ ਤੇ ਜ਼ੋਨ ਪ੍ਰਧਾਨ ਪ੍ਰਵੀਨ ਜੰਡ ਵਾਲਾ ਨੇ ਦਿੱਤਾ।

ਪੰਜਾਬ ਲੋਕ ਸਭਿਆਚਾਰਕ ਮੰਚ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਅਮੋਲਕ ਸਿੰਘ ਨੇ ਖਿਦਰਾਣੇ ਦੀ ਢਾਬ ਦੀ ਸਾਡੇ ਸਮਿਆਂ ਅੰਦਰ ਪ੍ਰਸੰਗਕਤਾ ਉਭਾਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਨੀਪੁਰ, ਪਹਿਲਵਾਨ ਕੁੜੀਆਂ ਸ਼ਾਹੀਨ ਬਾਗ, ਆਦਿਵਾਸੀ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਭਰ ਅੰਦਰ ਜੂਝਦੀਆਂ ਔਰਤਾਂ ਅਸਲ 'ਚ ਮਾਈ ਭਾਗੋ ਦੇ ਸਿਰਜੇ ਵਰਕਿਆਂ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਜਾਰੀ ਰੱਖ ਰਹੀਆਂ ਨੇ। ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬੀ ਇਨਕਲਾਬੀ ਰੰਗ ਮੰਚ ਅਤੇ ਪੱਤਰਕਾਰਤਾ ਉੱਪਰ ਗਾੜ੍ਹੇ ਬੱਦਲ਼ ਮੰਡਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ਪਰ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਸਿਰਜਕ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕੋਈ ਵੀ ਜਾਬਰ ਹਰਾ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ।

ਅਮੋਲਕ ਸਿੰਘ ਨੇ ਖੇਤੀ, ਸਨਅਤ, ਸਿੱਖਿਆ, ਸਿਹਤ, ਰੁਜ਼ਗਾਰ ਅਤੇ ਜਮਹੂਰੀ ਹੱਕਾਂ ਉਪਰ ਦੇਸੀ ਬਦੇਸ਼ੀ ਕਾਰਪੋਰੇਟ ਘਰਾਣਿਆਂ ਦੇ ਚੌਤਰਫੇ ਹੱਲੇ ਅਤੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕਰਕੇ ਫਿਰਕੂ ਫਾਸ਼ੀ ਮਾਹੌਲ ਦੇ ਬੱਦਲ਼ ਲੰਗਾਰ ਕਰਨ ਲਈ ਲੋਕ ਸੰਗਰਾਮ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਦਿੱਤਾ।

ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬੀ ਟ੍ਰਿਬਿਊਨ ਦੇ ਸੰਪਾਦਕ ਡਾ. ਸਵਰਾਜਬੀਰ ਦੀ ਪੰਜਾਬੀ ਪੱਤਰਕਾਰਤਾ ਦੇ ਪਿੜ ਨੂੰ ਅਮਿੱਟ ਦੇਣ ਉਪਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੀੜ੍ਹੀਆਂ ਨਾਜ਼ ਕਰਨਗੀਆਂ।

ਉਹਨਾਂ ਆਪਣੀ ਤਕਰੀਰ ਵਿੱਚ ਜਿਹੜੇ ਕਾਲੇ ਕਾਨੂੰਨਾਂ ਦੇ ਸ਼ਿਕੰਜੇ ਕਸਣ ਦਾ ਵਿਰੋਧ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਫੜੇ ਬੁੱਧੀਜੀਵੀਆਂ ਦੀ ਰਿਹਾਈ ਲਈ ਆਵਾਜ਼ ਬੁਲੰਦ ਕਰਨ ਦਾ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਤਾੜੀਆਂ ਦੀ ਗੂੰਜ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਸਮਰਥਨ ਕੀਤਾ।

ਉਹਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਹ ਦਿਨ ਚਾਲੀ ਮੁਕਤਿਆਂ,ਮਾਈ ਭਾਗੋ, ਕੂਕਾ ਲਹਿਰ ਅਤੇ ਦੁੱਲਾ ਭੱਟੀ ਦੀ ਲਾਸਾਨੀ ਭੂਮਿਕਾ ਉਪਰ ਨਾਜ਼ ਕਰਨ ਅਤੇ ਹਰ ਵੰਨਗੀ ਦੀ ਗੁਲਾਮੀ, ਦਾਬੇ, ਵਿਤਕਰੇ ਵਿਰੁੱਧ ਲੋਕ ਲਹਿਰ ਉਸਾਰਨ ਦਾ ਅਹਿਦ ਕਰਨ ਦੇ ਦਿਨ ਹਨ।

ਮਾਨਵਤਾ ਕਲਾ ਮੰਚ ਨਗਰ (ਪਲਸ ਮੰਚ) ਵੱਲੋਂ ਗੁਰਦਿਆਲ ਰੌਸ਼ਨ ਅਤੇ ਅਮੋਲਕ ਸਿੰਘ ਦੀ ਕਲਮ ਤੋਂ ਲਿਖੇ ਬੋਲਾਂ ਉੱਪਰ ਕੋਰੀਓਗ੍ਰਾਫੀਆਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁਲਵੰਤ ਕੌਰ ਨਗਰ ਦਾ ਲਿਖਿਆ ਜਸਵਿੰਦਰ ਪੱਪੀ ਦਾ ਨਿਰਦੇਸ਼ਤ ਨਾਟਕ 'ਚਿੜੀਆਂ ਦਾ ਚੰਬਾ' ਦੀ ਨਰਗਿਸ ਵੱਲੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਪੇਸ਼ਕਾਰੀ ਕੀਤੀ ਗਈ। 

ਲੋਕ ਸੰਗੀਤ ਮੰਡਲੀ ਜੀਦਾ (ਪਲਸ ਮੰਚ) ਦੇ ਜਗਸੀਰ ਜੀਦਾ ਵੱਲੋਂ ਲੋਕ ਬੋਲੀਆਂ ਅਤੇ ਸੁਖਦੇਵ ਮਲੂਕਪੁਰੀ ਵੱਲੋਂ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਸ਼ੋਅ ਅਤੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਸਾਂਝੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ। ਮੰਚ ਨੂੰ ਗੁਰਸ਼ਰਨ ਸਿੰਘ, ਗਦਰੀ ਦੇਸ਼ ਭਗਤਾਂ, ਸ਼ਹੀਦ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਸਾਥੀਆਂ, ਅਰੁੰਧਤੀ ਰਾਏ, ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਅਤੇ ਲੋਕ ਲਹਿਰ ਦੇ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਤਸਵੀਰਾਂ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਕ ਤੇ ਟੂਕਾਂ ਨਾਲ ਸਜਾਇਆ ਗਿਆ।

ਇਸ ਮੌਕੇ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਅਤੇ ਉਸਾਰੂ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਪੁਸਤਕ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨੀ ਵੀ ਲਗਾਈ ਗਈ। ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਕੈਲੰਡਰ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਖਿੱਚ ਦਾ ਕੇਂਦਰ ਬਣਿਆ ਰਿਹਾ। ਮੇਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਲਤਾ ਲਈ ਬਲਦੇਵ ਸਿੰਘ ਲੱਧੂਵਾਲਾ,ਬੂਟਾ ਸਿੰਘ ਵਾਕਫ਼, ਪਰਮਿੰਦਰ ਖੋਖਰ, ਗੁਰਮੀਤ ਭਲਵਾਨ, ਭੁਪਿੰਦਰ  ਵੜਿੰਗ ਦੇ ਨਾਲ਼ ਕਾਕਾ ਸਿੰਘ ਖੁੰਡੇ ਹਲਾਲ, ਅਜਾਇਬ ਸਿੰਘ ਕੋਠੇ ਅਬਲੂ, ਤਜਿੰਦਰ ਸੋਥਾ, ਜਗਦੀਸ਼ ਕਿੱਕਰ ਖੇੜਾ, ਸੰਜੇ ਕੁਮਾਰ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਡੈਮੋਕ੍ਰੇਟਿਕ ਟੀਚਰਜ਼ ਫਰੰਟ ਦੇ ਜਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰਧਾਨ ਲਖਵੀਰ ਸਿੰਘ ਹਰੀਕੇ, ਜੀਵਨ ਸਿੰਘ, ਉਪਕਾਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਭਰਵਾਂ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਇਆ।

ਇਹ ਮੇਲਾ 16 ਜਨਵਰੀ ਤੱਕ ਨਿਰੰਤਰ ਚੱਲੇਗਾ। 15 ਤੇ 16 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਕੇਵਲ ਧਾਲੀਵਾਲ ਅਤੇ ਇਕੱਤਰ ਵੱਲੋਂ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਧਮਕ ਨਗਾਰੇ ਦੀ ਅਤੇ ਠੱਗੀ ਨਾਟਕ ਖੇਡੇ ਜਾਣਗੇ। ਗੀਤ ਸੰਗੀਤ ਅਤੇ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਵਿਚਾਰਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ।