21 December 2023

हकीकत परख: मुख्यमंत्री व विधायक के सवाल-जवाब की; कागजों में सिंथेटिक ट्रैक है तो कागज़ों में खर्च भी करोड़ों हुये होंगे



- डबवाली के खेल स्टेडियम में चार सौ मीटर सिंथेटिक ट्रैक नहीं, बल्कि मिट्टी का ट्रैक

- किसके ‘गुड फेथ’ में ‘मनो’ ने पढ़ दिया सदन में ‘दू टूक’ जवाब?


इकबाल सिंह शांत

डबवाली:हरियाणा के मुख्य मंत्री-कम-खेल मंत्री मनोहर लाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक अमित सिहाग एक सवाल के जवाब में बताते हैं कि डबवाली के श्री गुरु गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम में 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक बना है। जबकि सवालकर्ता डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने मुख्य मंत्री के जवाब में हकीकत से सौ कोस का अंतर बताते हुए धरातल पर कोई सिंथेटिक ट्रैक न होने के खुलासा करके प्रदेश सरकार के कार्य तंत्र पर प्रश्न चिंह लगा दिया। 

विधानसभा में उठे मामले को दोनों पक्षों के दावों को परखने के लिए श्री गुरु गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम को पहुंचा गया तो वहां के हालात बद से बदतर मिले। स्टेडियम में चार सौ मीटर सिंथेटिक ट्रैक का नामोनिशान तो दूर वहां खिलाडियों के दौड़ने के लिए कच्चा ट्रैक भी ढंग से व्यवस्थित नहीं है। सुविधा के नाम पर पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है। इनडोर स्टेडियम के टूटे-फूटे दरवाजे, बिजली के टूटे हुए बोर्ड से लटकती नंगी तारें मौत को खुला बुलावा दे रही है।  हैरानीजनक तथ्य हैं कि प्रदेश के मुखिया को ऐसी गलत जानकारी किस रिकार्ड के आधार मुहैया करवाई गई।   

खेल स्टेडियम 1500 मीटर दौड़ के लिए प्रेक्टिस कर रहे नवयुवक कृष व अजय से पूछा गया कि विधान सभा में खुलासा हुआ है कि डबवाली के खेल स्टेडियम में 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक बना हुआ है, जिस पर नवयुवकों ने हैरानी ज़ाहिर करते कहा कि काश यह कथन सत्य होते। उन्हें नित्य-प्रति कच्चे ट्रैक पर प्रेक्टिस करनी पडती है। सिंथेटिक ट्रैक होता तो उन्हें राष्ट्रीय स्तर के दौड़ मुकाबलों के काबिल बनने में आसानी होती। युवक रोहित, जगदीप व अभिषेक ने कहा कि यह नाम का स्टेडियम है, जिसकी दशा सुधारने पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में खेल प्रशिक्षक तो दूर कोई चौकीदार तक नहीं है, यहाँ के टूटे-फूटे, दीमक व सीलन से अटे पड़े कमरों में नशेडियों की महफ़िलें सजती हैं। 


सिंथेटिक ट्रैक नहीं, सिर्फ मिट्टी का ट्रैक है : डीएसओ

श्री गुरु गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम के 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक की खेल विभाग में हकीकत परखने पर जिला खेल अधिकारी शमशेर सिंह ने बताया कि डबवाली के खेल स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक नहीं है, वहां तो मिट्टी का ट्रैक है, स्टेडियम में मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत 25 गुना 25 मीटर का स्विमिंग पूल बनेगा। अधिकारी ने बताया कि पिछले समय में पहले स्विमिंग पूल बनने की आवाजें उठी थी। तत्कालीन उपायुक्त व डीएसओ ने स्विमिंग पूल को लिखती तौर अनुचित करार दिया था। फिर एथेलेटिक्स ट्रैक की बात चली, फिर उसकी भी न हो गई। उसके बाद बीस कमरे व हॉल की बात चली, वो भी कैंसिल हो गई। अब दुबारा स्वीमिंग पूल ही फाइनल कर दिया।


जांच का विषय: कागजों में सिंथेटिक ट्रैक है, तो कागज़ों में खर्च भी करोड़ों हुये होंगे 

बड़ा संगीन मामला है कि विधानसभा में विधायक द्वारा पूछे सवाल पर खेल विभाग/मुख्य मंत्री कार्यालय में से प्रदेश के मुख्यमंत्री को गलत जानकारी मुहैया करवाई। हकीकत में सरकार द्वारा जिसका धरातल पर कोई वजूद कायम नहीं किया गया है, वह सरकारी रिकार्ड में निर्मित दिखाया गया है। जिसका जवाब ‘गुड फेथ’ में मुख्य मंत्री-कम-खेल मंत्री ने अधिकारियों द्वारा लिखित में आये जवाब को दू टूक सदन में पढ़ दिया व विधायक के जवाब से उन्हें सदन में अपने शब्दों में फीका पड़ना पड़ा। जाँच का विषय है कि यदि सरकारी रिकार्ड में डबवाली के श्री गुरु गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम में 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक बना हुआ है तो उस पर लाखों-करोड़ों रूपये भी खर्च हुए होंगे। उसके बही-खाते खंगालने भी लाजमी है, इससे भी बड़ा सवाल है यदि यहाँ ऐसा हुआ तो ओर भी बहुत मामले होंगे, जिनमें सिर्फ कागजों में विकास कार्य हुये और उनकी धरातल हकीकत से जमीन से अनजान व वीरानी है। 

मो: 93178-26100

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