23 September 2021

कानूनी अवहेलना: आइलेट्स कोचिंग की ओट में धडल्ले से चल रहे गैरकानूनी इमीग्रेशन परामर्श सैंटर


- इमीग्रेशन परामर्श सैंटर संचालकों द्वारा प्रशासन पर इमीग्रेशन नीति का ज्ञान न होने के आरोप


इकबाल सिंह शांत

डबवाली: हरियाणा में प्रशासन की नाक तले आइलेट्स सेंटरों की ओट में खुलेआम गैरकानूनी इमीग्रेशन/वीज़ा /पी.आर सलाह सैंटर खुले हुए हैं। सीमावर्ती शहर डबवाली में दर्जन के करीब आइलेट्स सैंटरों द्वारा खुलेआम सोशल मीडिया, शहर में बड़े-बड़े फ्लेकसों के द्वारा आइलेट्स कोचिंग के साथ साथ विदेश भेजने के दावे किये जा रहे हैं। 99 प्रतिशत आईलैटस सैंटरों के पास इमीग्रेशन परामर्श सैंटर का कोई लाइसेंस नहीं है। जबकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा ग़ैर मंजूरशुदा सलाह सैंटर/वीज़ा एजेंटों कि विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की सख़्त हिदायतें हैं। सूत्रों के मुताबिक डबवाली के अतिरिक्त यह गैरकानूनी जुगाड़बाज़ी हरियाणा के दूसरे शहरों में भी चलती है। नियमों के मुताबिक तो आईलैटस सैंटर चलाने के लिए सरकार से मंज़ूरी चाहिए। पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवक-युवतिओं में भी विदेश जाने का रुझान बढ़ने पर यह सैंटर धड़ाधड़ खुल रहे हैं।

ज़िला सिरसा के उपयुक्त अनीश यादव के मुताबिक जिला सिरसा में वीज़ा परामर्श सलाह आदि सेवाओं के लिए सिर्फ़ एक ही एक राज ग्लोबल ओवरसीज कंसलटेंट ही मंज़ूरशुदा एजेंट है। बड़ा सवाल यह भी है कि जब सरकारी रिकार्ड में सिर्फ़ एक मंज़ूरशुदा एजेंट है तो डबवाली समेत दूसरे शहरों में आइलेट्स सैंटर और वीज़ा/पी.आर. सलाह सैंटर कौन से कानून और किसकी शह पर खुलेआम चल रहे हैं। इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही या इनको को लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की नीति के अंतर्गत अब तक नोटिस क्यों नहीं जारी किये गए।

दूसरी तरफ़ आइलेट्स और वीज़ा कारोबार के साथ जुड़े लोगों का कहना है कि ज़िला प्रशासन को इमीगे्रशन नीति का कोई ज्ञान नहीं है। जबकि वह तो ख़ुद ही सरकार से रजिस्टर्ड होना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि इमीगे्रशन मामले केंद्र सरकार के ग्रह और विदेश मंत्रालयों का विषय हैं। कई आइलेट्स कोचिंग सैंटरों-कम-गैरकानूनी वीज़ा/पी.आर. सलाह सैंटरों ने अपनी  वैबसाईटें तक बनवा रखी हैं। जिन पर वीज़ा, पी.आर, रिफ्यूजल सम्बन्धित खुलेआम दावे दर्ज किये हुयें हैं। देश में आर्थिक मंदहाली के बावजूद यह गैरकानूनी सैंटर अपने दफ़्तरों के महंगे किराये अदा करते हुये आर्थिक संपन्नता की ओर बढ़ रहे हैं। इना गैरकानूनी वीज़ा-पी.आर. परामर्श सेंटरों के ज्यादातर ग्राहक नौजवान होते हैं। सूत्रों के अनुसार कई सैंटर तो फाइलें लगाने की तकनीकी जानकारी से अनजान हैं, वह बाहरी एजेंटों या कुछ इमीगे्रशन वैबसाईटों से मोटा कमीशन लेकर वीज़ा फाइलें उनके पास भेज देते हैं। इस कमिशनबाज़ी के खेल में सरकार को आमदन कर का बड़ा चूना लगने का अंदेशा है।

        फ़रीद इंमीगे्रशन कंसलटेंट के एम.डी. अक्षय शर्मा ने दावा किया कि उसके पास केंद्र सरकार का लाइसेंस है। वह 27 नवंबर 2018 से इमीगे्रशन रजिस्ट्रेशन के बारे ज़िला सिरसा प्रशासन के साथ कागज़ी पत्र और निजी तौर पर कई संपर्क कर चुका है। उसे आज तक नीति के बारे कोई वाजब जानकारी या जवाब नहीं मिला।

        डबवाली में रेड लीफ आइलेट्स सैंटर चलाने वाले जगमीत सिंह का कहना था कि उसको कोई जानकारी नहीं कि वीज़ा सलाह या आईलैटस सैंटर के लाइसेंस के लिए कहाँ अप्लाई करना है। उसने कहा कि डबवाली के सभी आइलेट्स सैंटर ही वीज़ा फाइलें लगाने का काम कर रहे हैं। उसके मुताबिक इंमीग्रेशन परामर्श सैंटर के लिए मंज़ूरी की कोई ज़रूरत नहीं है।

        चैलेंज असैपटर एजुकेशन कंसलटेंट के रछपाल सिंह ने कहा कि वह तो आइलेट्स सैंटर चलाता है। उसने बोर्ड पर वैसे ही लिख रखा है। फिर उसने अंदर के भेद खोलते हुये कहा कि लाइसेंस तो किसी के पास भी नहीं है वह तो एक वैबसाईट अप्लाई बोर्ड के द्वारा फाइल लगवाता है, जहाँ से प्रति फाइल 60 -70 हज़ार रुपए कमीशन मिल जाता है। मंज़ूरी के बारे उसने एक सैंटर वाले मित्र से पूछा था, परन्तु उसने कुछ बताया नहीं।

       आइलेट्स मेड इजी के संचालक परम धुन्ना ने कहा कि उसने इंटरनेट पर इमीगरेशन/वीज़ा सलाह सैंटर के लाइसेंस के जानकारी बारे में बहुत खोज की, परन्तु उसको वहां पर एक भी कानून या नियम नहीं मिला। धुन्ना के अनुसार उसने आर.टी.आई भी लगाई हुई है परन्तु कोई जवाब नहीं आया।

दूसरी ओर सिरसा के उपायुक्त अनीश यादव ने आइलेट्स सैंटरों की ओट में वगैर मंज़ूरी के चल रहे वीज़ा परामर्श सैंटरों की पड़ताल करवा कर कार्यवाही की बात कही। डिप्टी कमिशनर ने अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा (ग्रह विभाग) के निर्देशों के हवाले से लोगों को सिर्फ़ मनज़ूरशुदा एजेंटों के द्वारा विदेश जाने की सलाह दी है।

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