08 March 2020

भारतीय राज पत्र: उल्लंघन के 'हमाम' में पंजाब और हरियाणवी राजतंत्र एक बराबर


                           इकबाल सिंह शांत
डबवाली-भारत सरकार के राज पत्र (गज़ट) में दर्ज नियमों ने सरहदी क्षेत्रों में स्थित स्थापित सरकारी व् गैर सरकारी पशु मेलों के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगा दिया है। भारत सरकार के राज पत्र नंबर 396 के नियम नंबर 8  के मुताबिक किसी भी राज्य स्तरीय हद से पचास किलोमीटर और अंतरराष्ट्रीय सरहद के एक सौ किलोमीटर अंदर तक पशु बाज़ार नहीं लगाया जा सकता। हालाँकि पशु मेलों वाले हमाम में लगभग सभी राज्यों का सरकारी ढांचा 'नंगा' दिखाई दे रहा  है। राज्य सरकारों के लिए पशु मेलों से होती मोटी आमदन के आगे भारत सरकार के राज पत्र (गज़ट) के कानूनी नियम भी बेमायने हैं। यह गज़ट केंद्र सरकार द्वारा 23 -05 -2017 को जारी किया गया । ज़िक्रयोग्य है कि हरियाणा में कालांवाली क्षेत्र के सीमावर्ती गाँव फग्गू, जिला श्री मुक्तसर साहब के सीमावर्ती गांव मंडी किलियांवाली और राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के सीमावर्ती गाँव बेरवाला में हफ्तावारी पशु मेला लगते हैं। यह तीनों ही पशु मेलों की ज़ड़ें पड़ोसी राज्यों की सीमाओं को छूती हैं। भारत सरकार के गज़ट की धरातल पर सोई हुईं धारायों को डबवाली के ऐस.डी.ऐम विनेश कुमार (प्रशासक, नगर परिषद) ने जगाया है। जिन्होंने ने जिला श्री मुक्तसर साहब के डिप्टी कमिशनर और मलोट के ऐस.डी.ऐम को पत्र नंबर 966 -967 /ऐस.टी, तारीख़ 25 -2-2020 द्वारा सरकारी गज़ट की धारायों का हवाला दे कर मंडी किलिआंवाली के पशु मेले पर सवाल खड़•ा किया है। पत्र के मुताबिक डबवाली नगर परिषद की मीटिंग में आवारा पशुओं का मसला उठा था। ज़िक्रयोग्य है कि डबवाली शहर में आवारा पशूओं की बहुतात है, जिस से आम जनता काफ़ी परेशान है। दरअसल डबवाली प्रशासन, मंडी किलियांवाली पशु मेला को शहर में आवारा पशुओं की आमद के लिए ज़िम्मेवार मानता है। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने मंडी किलियांवाली  में 2012 में लगभग सात करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक पशु मेला ग्राउंड स्थापित किया था। पंजाब में राज्य सरकार ने पशु मेलों का सालाना ठेका करीब 75 करोड़ रुपए में दिया हुआ है। किलियांवाली में ढाई दशक से सरकारी सत्तर पर पशु मेला लगता आ रहा है। मंडी किलियांवाली पशु मेले को उत्तर भारत के प्रसिद्ध पशु मेलों में गिना जाता है। हरियाणा में भी भारत सरकार के राज पत्र नंबर 396 के नियमों की खुल्ल•ेआम उल्लंघना हो रही है। सिरसा जिले के कालांवाली क्षेत्र के सीमावर्ती गाँव फग्गू में कई वर्षों से पशु मेला लगाया जा रहा है। गाँव फग्गू भी  पड़ोसी राज्य पंजाब की सीमा से महज डेढ़ -दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहाँ पर पशु मेला जिला प्रशासन सिरसा की निगरानी में लगाया जाता है। यह पशु मेला आज-कल राजनैतिक और आर्थिक हितों की भिड़ंत के चलते विवाद में घिरा हुआ है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के सीमावर्ती गाँव बेरवाला (तहसील टिब्बी ) जिला हनुमानगढ़  में हफ्तावारी पशु मंडी लगने की सूचना है। बेरवाला, हरियाणवी शहर ऐलनाबाद से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस संदर्भ में जिला हनुमानगढ़ के पशु पालन अधिकारी मुख् राम कड़वासरा का कहना था कि सरकारी तौर पर जिले में कोई पशु मेला नहीं लग रहा। यदि कोई निजी तौर पर कोई लगा रहा है तो पड़ताल करके उसको बंद करवाया जायेगा। इसी तरह जिला प्रशासन सिरसा के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि पशु मेले सरकारों की आमदन का ज़रीया हैं। हर प्रदेश, दूसरे राज्य के पशु मेलों को बंद करवा कर अपने क्षेत्र का राजस्व बढ़ाना चाहता है। जिला श्री मुक्तसर साहब के डिप्टी कमिशनर श्री ऐम.के अरविन्द का कहना था कि उन्हें ऐस.डी.ऐम. डबवाली द्वारा लिखे पत्र बारे कोई जानकारी नहीं। यदि ऐसा है तो वह राज्य सरकार को ज़रूर लिखेंगे। डबवाली के ऐस.डी.ऐम विनेश कुमार का कहना था कि डबवाली में आवारा पशूओं की तादाद लगातार बढ़ रही है। जिसको रोकने में प्रशासन असमर्थ साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह पिछले चार महीनो में जिला श्री मुक्तसर साहिब प्रशासन को दो पत्र लिख चुके हैं परन्तु उस तरफ़ से कोई जवाबी पत्र नहीं मिला। उन्होंने कहा कि वह जल्दी जिला प्रशासन श्री मुक्तसर साहब के साथ इस मसले पर मीटिंग भी करेंगे।

  कोरोना वायरस: बचाव के लिए पशु मेले मुलतवी करन की मांग 
कोरोना वायरस के ख़ौफ़ की झलक बाहरी व्यापारियों की आमद पर निर्भर पशु मेलों पर पड़ने लगी है। मंडी किलियांवाली (श्री मुक्तसर साहब) और फग्गू (सिरसा) में रविवारीय पशु मेलों में पशुओं की खरीद -बेच के लिए गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब वग़ैरा से बड़ी संख्या में व्यापारी आते हैं। इनें पशु मेलों में कई हज़ारों लोगों की भीड़ जुटती हैं। कोरोना वायरस के प्रति स्थानीय लोगों में भारी ख़ौफ़ छाया हुआ है। जनता ने इसका ख़तरा टलने तक अग्रिम बचाव के लिए कुछ समय के लिए पंजाब और हरियाणा के पशु मेलों को बंद करन की माँग की है।

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